भारत की मिट्टी में आत्मा बसती है — और इस आत्मा को स्वस्थ रखने में “गाय” की भूमिका सबसे अहम है।
आज जब केमिकल खेती से मिट्टी की उर्वरता घट रही है, तब किसान फिर से गोमूत्र आधारित जैविक खेती की ओर लौट रहे हैं।🌱 1. गोमूत्र: प्राकृतिक Pest Control का शक्तिशाली माध्यम
गोमूत्र में मौजूद सल्फर, नाइट्रोजन और कार्बनिक तत्व कीटों को नष्ट करते हैं। इसे नीम के अर्क या तुलसी के रस के साथ मिलाकर छिड़कने से खेतों में कीटनाशक प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
➡ उदाहरण: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में किसानों ने 50% कम लागत में फसल बचाने में सफलता पाई।
🌾 2. जैविक बूस्टर के रूप में गोमूत्र
गोमूत्र में यूरिया और पोटैशियम के प्राकृतिक रूप मौजूद होते हैं जो पौधों की बढ़त को प्रोत्साहित करते हैं।
कई किसान गोमूत्र को गोबर और गुड़ के साथ मिलाकर “जीवामृत” बनाते हैं — यह मिट्टी की सूक्ष्मजीव क्रियाओं को तेज करता है।
🌻 3. मिट्टी की उर्वरता और रोग प्रतिरोधकता
रासायनिक खाद मिट्टी को निर्जीव बनाती है, जबकि गोमूत्र इसे जीवित जैविक माध्यम बनाता है।
फसलों की जड़ें मज़बूत होती हैं और पौधे में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
🍃 4. आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
गोमूत्र का उपयोग लागत कम करता है और पर्यावरण प्रदूषण को रोकता है। इससे छोटे किसान भी आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
🧪 5. वैज्ञानिक दृष्टिकोण
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की रिपोर्टों में भी यह पाया गया है कि गोमूत्र का मिश्रण खेतों में जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ाता है — जिससे उपज अधिक और मिट्टी स्वस्थ रहती है।
🙏 FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
1. गोमूत्र को खेती में कैसे इस्तेमाल करें?
इसे पानी के साथ 1:10 अनुपात में मिलाकर छिड़काव करें।
2. क्या यह सभी फसलों पर काम करता है?
हाँ, खासकर सब्जियों, धान, गेहूं और दालों में बेहद असरदार है।
3. क्या गोमूत्र की बदबू से कोई नुकसान होता है?
नहीं, पतला घोल बनने के बाद बदबू कम हो जाती है।
4. इसे स्टोर कैसे करें?
कांच या मिट्टी के बर्तन में ठंडी जगह पर रखें।
5. क्या इसे रासायनिक कीटनाशक के साथ मिलाना चाहिए?
नहीं, केवल जैविक पदार्थों के साथ ही उपयोग करें।






